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कानपुर में सेंटर फॉर साइट के नए सेंटर का उदघाटन किया गया

कानपुर 2020: लोगों को आँखों की बेहतरीन सुविधाएं देने के उद्देश्य के साथ, सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल ने कानपुर में आज एक नए सेंटर का उदघाटन किया है। आम जनता की आँखों की बेहतर देखभाल के लिए यह अपने आप में एक खास कदम है।

वर्तमान में सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ हॉस्पिटल के केंद्र कुल 43 स्थानों पर उपलब्ध हैं जिसमें उत्तर प्रदेश के 4 प्रमुख केंद्र मेरठ, मुरादाबाद, आगरा और गाज़ियाबाद के साथ अब कानपुर का केंद्र भी शामिल है।

इस आई केयर ने आने वाले वर्षों में लखनऊ और नोएडा सहित कई अन्य स्थानों पर अपना विस्तार करने का प्लान बना रखा है। यह संस्थान समर्पित रिसर्च विंग में एकसाथ काम करने वाले ऑप्थेलमोलॉजी के सबसे बेहतरीन विशेषज्ञों के साथ मेड इन इंडिया उपचारों और तकनीकों को लाने की उम्मीद करता है जो नेत्र देखभाल की लागत को कम करेगा और हर वर्ग के व्यक्ति तक इसकी पहुंच आसान हो जाएगी।

सेंटर फॉर साइट ग्रुप ऑफ आई हॉस्पिटल के चेयरमैन व मैनेजिंग डायरेक्टर, डॉक्टर महिपाल सिंह सचदेव ने बताया कि, “लॉकडाउन के कारण आँखों के मरीजों को इलाज में काफी मुश्किलों का सामना करना पड़ा है। सही समय पर उचित इलाज न मिल पाने के कारण कइयों ने हमेशा के लिए अपनी आँखों की रौशनी गवां दीं। हमारी टीम हमेशा विशेष रूप से वंचित वर्ग के बीच नेत्र देखभाल जागरुकता शिविर और आई चेकअप शिविर का आयोजन कर के अंधेपन की रोकथाम के बारे में जागरुकता फैलाने में सबसे आगे रही है। भारत सरकार की सलाह अनुसार, सभी दिशा-निर्देशों का पालन करते हुए लोगों को मास्क पहनने और हाथ धोने के बाद ही अस्पताल में प्रवेश की इजाज़त है। इसके साथ ही सोशल डिस्टेंसिंग का भी अच्छे से पालन किया जा रहा है।”

दुनिया में अंधेपन के तीन मामलों में से एक में भारत का योगदान होता है जो बेहद चिंताजनक है और इसमें जल्द से जल्द सुधार की जरूरत है। आँखों की घटती रौशनी और अंधेपन के बढ़ते मामले देश और दुनिया के लिए एक बड़ी चिंता का विषय बने हुए हैं।

सेंटर फॉर साइट मोतियाबिंद की सर्जरी और स्माइल, चश्मा हटाने के लिए लेज़र सर्जरी या कॉन्टेक्ट लेंस के इंप्लान्ट आदि के लिए ब्लेड-रहित टेक्नोलॉजी में अग्रणी है।

सेंटर फॉर साइट न सिर्फ एडवांस टेक्नोलॉजी और सेकेंडरी आई केयर पर विशेष जोर देता है बल्कि विभिन्न चरणों पर नियमित विभिन्न नेत्र देखभाल जागरुकता शिविरों का आयोजन करते हुए प्रार्थमिक और प्रिवेंटिव आई केयर पर हमेशा ध्यान बनाए रखा है। इन शिविरों में विभिन्न कालोनियों की आरडब्ल्यू, स्कूल स्तर और वरिष्ठ नागरिक मंच और मार्निंग वॉक क्लब आदि शामलि हैं।

डॉक्टर महिपाल ने आगे बताया कि, “हमारा मुख्य उद्देश्य लोगों तक बेहतर गुणवत्ता और अत्याधुनिक टेक्नोलॉजी से युक्त नेत्र देखभाल पहुंचाना है। मोतियाबिंद सर्जरी के लिए एमआईसीएस की शुरुआत करने वाला यह पहला संस्थान है। इसके साथ ही लासिक, फेम्टो-सेकंड लेज़र सर्जरी (जिसे आमतौर पर ब्लेड-रहित मोतियाबिंद सर्जरी कहा जाता है) आदि के मामले में हम अग्रणी हैं। नए सेंटरों के उद्घाटन और विस्तार के साथ, लोग नेत्र देखभाल संबंधी सुविधाओं का आसानी से लाभ उठा सकेंगे। हमारे द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं का स्पेक्ट्रम समाज के सभी स्तरों को छूता है। इसका यह अर्थ है कि हर वर्ग का व्यक्ति इन सुविधाओं का लाभ समान रूप से ले सकता है। कई अन्य सेवाएं जो हम वंचित लोगों को प्रदान करते हैं उनमें निशुल्क ओपीडी परामर्श, रियायती जांच और सर्जरी आदि शामिल हैं।”

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