यूरोलॉजिकल बीमारियों के इलाज में कारगर है एडवांस रोबोटिक सर्जरी

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जयपुर : यूरोलॉजी के क्षेत्र में हुई हालिया प्रगति के साथ आज यूरोलॉजिकल बीमारियों का इलाज पहले की तुलना में कई गुना बेहतर हो गया है। पिछले कुछ सालों में इस क्षेत्र में कई एडवांस टेक्नोलॉजी आईं, जिनकी मदद से कई मरीजों को लाभ मिला है। हालांकि, जागरुकता में कमी के कारण आज भी लोग उपलब्ध सभी टेक्नोलॉजी के बारे में कुछ अधिक नहीं जानते हैं, जिसके कारण वे उचित इलाज से वंचित रह जाते हैं।

यूरोलॉजी के क्षेत्र में आई ‘द विंसी सर्जिकल रोबोट’ एक आधुनिक टेक्नोलॉजी है, जिसने मुश्किल सर्जरी के मामलों में खुद को पहले ही साबित कर दिया है। यह टेक्नोलॉजी अभी देश के कुछ ही अस्पतालों में उपलब्ध है और साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल इनमें से एक है।

इस टेक्नोलॉजी को इस तरह से डिजाइन किया गया है कि डॉक्टरों को हर चीज 12 गुना साफ दिखाई देता है और वो भी 3डी में। इस रोबोटिक सिस्टम के जरिए डॉक्टर रोबोट के हाथों को कंट्रोल कर सकता है, जिसकी मदद से सर्जरी की मुश्किल से मुश्किल प्रक्रिया भी बिना चीर-फाड़ के आसानी से पूरी हो जाती है। यह एक मिनिमली इनवेसिव सिस्टम होने के कारण इसमें खून का बहाव न के बराबर होता है। यही कारण है कि इसमें मरीज बहुत कम समय में पूरी तरह से स्वस्थ हो जाता है।

नई दिल्ली में साकेत स्थित मैक्स सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल के वरिष्ठ यूरोलॉजी सलाहकार, डॉक्टर रुचिर महेश्वरी ने बताया कि, “यूरोलॉजिकल बीमारियों के इलाज के मामले में हमारी यूरोलॉजी टीम एक लंबे समय का अनुभव रखती है। टीम ने यूरोलॉजिकल बीमारियों के रोगियों के गंभीर से गंभीर मामलों का सफलतापूर्वक इलाज पूरा किया है। हमने भारत, अफ्रीका, मिडल ईस्ट और सेंट्रल एशिया के कई मरीजों का इलाज किया है, जो इलाज में हुई प्रगति के जीते-जागते उदाहरण हैं।”

यूरोलॉजिकल बीमारियों के लिए रोबोटिक सर्जरी को एक बड़े स्तर पर इस्तेमाल किया जा सकता है। द विंसी सर्जकिल रोबोट की कुछ रुटीन प्रक्रियाओं में रेडिकल प्रोस्टेटैक्टॉमी, रेडिकल सिस्टेक्टॉमी, पार्शियल नेफ्रेक्टॉमी, रीनल ट्रांसप्लान्टेशन और यूरिनरी सिस्टम की रिकंस्ट्रक्टिव सर्जरी (जैसे पायलोप्लास्टी, यूरेट्रिक रि-इंप्लान्टेशन, वेसिको वेजाइनल फिस्टुला रिपेयर, ब्लैडर ऑग्मेंटेशन आदि) शामिल हैं। यह गंभीर से गंभीर कैंसर और किडनी ट्यूमरों को संभालने में कारगर है, जहां किडनी को बिना नुकसान पहुंचाए ट्यूमर को पूरी तरह से निकाल दिया जाता है।

डॉक्टर रुचिर ने आगे बताया कि, “जागरुकता में कमी के कारण टियर 2 शहरों में यूरोलॉजिकल बीमारियां दिन-प्रतिदिन बढ़ती जा रही हैं इसलिए वहां के लोगों पर ध्यान देना और उन्हें जागरुक करना बहुत जरूरी है।”

मैक्स सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, साकेत हमेशा से देश के हर शहर के सभी मरीजों को अंतराष्ट्रीय स्तर की सेवा प्रदान करता रहा है। इस प्रमुख हेल्थ केयर प्रोवाइडर ने उत्तर भारत में कई जागरुकता शिविर, स्वास्थ्य शिविर और यूरोलॉजिकल बीमारियों के लिए ओपीडी का आयोजन किया है।