मौज मस्ती करने से रोका तो कॉलेज के खिलाफ ही खोल दिया मोर्चा

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विद्यार्थी जीवन में होने वाली मौज मस्तियों से तो हम सभी वाकिफ हैं, अक्सर मौजमस्ती को लेकर शिक्षक व छात्रों के बीच अनबन की खबरें आती रहती हैं। मेडिकल क्षेत्र से जुड़े हुए छात्रों की लाइफ स्टाइल के बारे में बात की जाए तो इन्हें कॉलेज लाइफ के सबसे एडवांस छात्रों में गिना जाता है, लेकिन हरियाणा में झज्जर के वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज को अपने छात्रों को मौज मस्ती से रोकना इतना भारी पड़ गया कि छात्रों ने कॉलेज के खिलाफ ही आंदोलन शुरू कर दिया।
मामला ये है कि झज्जर के वर्ल्ड मेडिकल कॉलेज में मेडिकल की 150 सीटें हैं। विद्यालय में सभी छात्र छात्राएं शांतिपूर्वक अनुशासित ढंग से अध्ययन करते हैं। लेकिन फीस जमा करने के समय कुछ छात्रों द्वारा जानबूझकर विलंब किया गया, इसके संबंध में जब विद्यालय द्वारा छात्रों से जवाब माँगा गया तो उन छात्रों द्वारा सुविधाओं और व्यवस्थाओं का बहाना बनाकर फीस देने मेंआनाकानी की जाने लगी। कॉलेज प्रबंधन द्वारा नोटिस देने पर छात्र आंदोलन की धमकी देने लगे। मामला इतना बढ़ गया कि छात्रों ने प्रधानमंत्री तक को पत्र लिखकर इच्छामृत्यु की मांग कर डाली। इस पूरे प्रकरण से न सिर्फ विद्यालय का नाम खराब हुआ बल्कि अन्य छात्रों की पढ़ाई भी प्रभावित हुई। विद्यालय प्रबंधन की में तो इन 48 छात्रों को छोड़कर किसी भी छात्र को विद्यालय से कोई शिकायत नहीं है तथा वे सभी शांतिपूर्वक अपनी पढ़ाई कर रहे हैं। कुछ शरारती तत्वों द्वारा कॉलेज का माहौल बिगड़ने की साजिश लगातार की जा रही है, विद्यालय प्रबंधन का यह भी दावा है कि जो छात्र अपनी फीस भरने में भी खुद को असमर्थ बता रहे थे, वे छात्र आंदोलन चलाने के लिए खूब पैसा खर्च कर रहे हैं, उन्हें यह पैसा कहां से मिल रहा है और कौन इन छात्रों के जरिये कॉलेज की छवि खराब करना चाहता है यह जांच का विषय है। हाल ही में वायरल हुए वीडियो में देखा गया कि विद्यालय के जो छात्र दिन में आंदोलित होकर धरना दे रहे हैं, वही छात्र रात्रि में छुप कर महंगी शराबों और अन्य आपत्तिजनक पदार्थों का सेवन करते हुए पाए जा रहे हैं, जो कि इन भविष्य के चिकित्सकों की शिक्षा और भविष्य के लिए खतरनाक है, इससे यह शक और गहराता जाता है कि जरूर इन सबके पीछे से बड़ा खेल खेला जा रहा है । इस पूरे प्रकरण से कॉलेज के संस्थापक बहुत आहत हैं, वे कहते हैं कि मैंने कॉलेज की स्थापना देश को योग्य और जिम्मेदार डॉक्टर्स देने के लिए की थी मगर जिस तरह से कॉलेज को साजिश का अखाडा बनाया जा रहा है वह देश के भविष्य से खिलवाड़ जैसा है, वे अपने स्तर पर विद्यार्थियों की सुविधाओं के लिए हर संभव प्रयास करते हैं इसके बाद भी कुछ छात्रों की मनमर्जी और उद्दंडता का परिणाम पूरे कॉलेज को भुगतना पड़ रहा है। वहीं विद्यालय प्रबंधन का कहना है कि वे विद्यार्थियों की स्वतंत्रता को बाधित नहीं करते मगर संस्थान के अनुशासन को लेकर कोई समझौता स्वीकार्य नहीं है। खैर मामला जो भी हो लेकिन इन सब से एक ही बात निकल कर आती है कि कुछ छात्र स्वच्छंदता और विद्यालय के अनुशासन के विरोध में इस तरह स्वार्थी हो जाते हैं कि वे अपने आगे न अन्य छात्रों की पढ़ाई के बारे में सोचते हैं और ना ही विद्यालय की छवि के बारे में।