6.6 C
London
Friday, September 27, 2024
HomeHealth and Wellnessमैक्स सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल, शालीमार बाग ने ‘कैडेवरिक ऑर्गन डोनेशन’ पर लोगों...

मैक्स सुपर स्पेशियलिटी हाॅस्पिटल, शालीमार बाग ने ‘कैडेवरिक ऑर्गन डोनेशन’ पर लोगों को जागरूक किया

Date:

Related stories

नई दिल्ली : 05 मई 2019: मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग ने कैडवर ऑर्गन डोनेशन के महत्व और आवश्यकता के बारे में जागरूकता बढ़ाने के लिए एक जागरूकता अभियान चलाया। इस पहल का उद्देश्य लोगों को अंग दान के बारे में अधिक जागरूक करना है क्योंकि मैक्स सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल, शालीमार बाग ने हाल ही में एक निष्कर्ष निकाला है जिसमें कैडवर आॅर्गन डोनेशन की संख्या में काफी गिरावट का खुलासा किया गया है। ज्ञातव्य है कि मैक्स हॉस्पिटल शालीमार बाग उत्तरी दिल्ली का एकमात्र केंद्र है जो कैडेवर प्रत्यारोपण करता है।
दुर्घटना के दौरान होने वाले अत्यधिक आघात के कारण अस्पतालों में सड़क दुर्घटना के शिकार काफी लोगों का मस्तिष्क मृत हो जाता है। हालांकि, पीड़ितों में से कुछ पीड़ित के परिवार वाले पीड़ित के दिमागी तौर पर मृत होने के बाद भी कार्य कर रहे उनके अंगों को दान कर दूसरों की जान बचाने के लिए आगे आते हैं जबकि कुछ पीड़ित के परिवार वाले ऐसा नहीं करते हैं। भारत में अग्रणी स्वास्थ्य सेवा प्रदाताओं में से एक और कैडवरिक और लिविंग डोनर ऑर्गन डोनेशन में अग्रणी मैक्स हेल्थकेयर अंग दान की जरूरत पर प्रकाश डालता है।

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल, शालीमार बाग के मूत्रविज्ञान एवं गुर्दा प्रत्यारोपण विभाग के प्रमुुख कंसल्टेंट डॉ. वाहीद जमान ने कहा, ‘‘औसतन, एक अंग दाता अपने अंगों को दान करके अपने जीवन में आठ से अधिक जीवन बचा सकता है। हमारा मानना है कि लोगों विशेषकर युवाओं को इस बारे में जानकारी प्रदान करने की अत्यंत आवश्यकता है कि कैडेवरिक दान क्या है, इसे कैसे किया जाता है और इसके साथ क्या जोखिम हैं। इससे समाज में इस प्रक्रिया के साथ जुड़े विभिन्न मिथकों और गलत धारणाओं को दूर करने में मदद मिलेगी और कैडवेरिक अंग दान को बढ़ावा मिलेगा।’’ अक्सर अंग दान शब्द जीवित दाता अंग दान की सोच तक ही सीमित होती है, जहां एक व्यक्ति अपने गुर्दे, लीवर का एक हिस्सा किसी प्रियजन को दान करता है ताकि उन्हें जीवित रहने में मदद मिल सके। हालांकि, एक औसत मानव शरीर मस्तिष्क की मृत्यु के बाद भी अंग दान के माध्यम से किसी को जीवन देने में सक्षम है, जिसे कैडवरिक अंग दान के नाम से व्यापक रूप से जाना जाता है।

मैक्स सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल शालीमार बाग के न्यूरोलाॅजी विभाग के प्रमुख कंसल्टेंट डाॅ. मनोज खनाल ने कहा, ‘‘हालांकि, किसी परिवार के लिए अपने प्रिय व्यक्ति के दिमागी तौर पर मृत हो जाना काफी दुर्भाग्यपूर्ण होता है। लेकिन साथ ही उस परिवार के लिए मृतक रोगी की शक्ति, अंग दान के माध्यम से किसी के जीवन को बचाने की शक्ति को समझना उतना ही आवश्यक है। कैडेवरिक दान में, डॉक्टरों की एक टीम दिमागी तौर पर मृत मरीज से अंगों को लेती है और मौत की कगार पर पहुंच चुके रोगी या आंशिक रूप से बीमार रोगी के जीवन को बचाने के लिए उसमें अंगों को प्रत्यारोपित करती है। ऐसे मामलों में जिन अंगों को दान किया जा सकता है वे हैं-हृदय, लीवर, फेफड़े, गुर्दे, अग्न्याशय और साथ ही त्वचा, कॉर्निया, टेंडन, हड्डी के ऊतक।
मैक्स सुपर स्पेशलिटी हाॅस्पिटल, शालीमार बाग के न्यूरोसर्जरी विभाग के निदेशक डॉ. संजीव गुप्ता ने कहा कि, ‘‘चिकित्सा विज्ञान में होने वाली प्रगति के प्रमुख उदाहरणों में से एक उदाहरण कैडवेरी अंग प्रत्यारोपण भी है। हालांकि, हमारे देश में इसकी सफलता इस प्रक्रिया के प्रति दाता के परिवार के दृष्टिकोण से काफी हद तक निर्धारित होती है। इसलिए, अंग दान से पहले हमारा और साथ ही डॉक्टर को यह सुनिश्चित करना जरूरी है कि उसका परिवार अंग दान की पूरी प्रक्रिया को अच्छी तरह से समझता हो और अंग दान करने से पहले पूरी तरह से सहज हो।’’
अंग दान पर जागरूकता बढ़ाने के लिए, इस प्रक्रिया से संबंधित मौजूदा गलत धारणाओं को दूर करना और इससे जुड़े जोखिमों को समझना अनिवार्य है। हम में से हर व्यक्ति मृत्यु होने पर अंग दान कर 7 जीवन बचा सकता है। हम में से हर व्यक्ति ऊतक दान कर 50 से अधिक जीवन को बढ़ा सकता है। यहां तक कि अपनी मृत्यु के बाद भी हम किसी को जीवन दे सकते हैं। हमारे पास देने के लिए काफी है।

Subscribe

- Never miss a story with notifications

- Gain full access to our premium content

- Browse free from up to 5 devices at once

Latest stories