दिल्ली की चांदनी चौक सीट से कांग्रेस के लोकसभा चुनाव के उम्मीदवार जयप्रकाश अग्रवाल ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने पांच साल पहले अच्छे दिनों का वायदा किया है, लेकिन दिल्ली की जनता को अभी तक उन वायदों के पूरा होने और अच्छे दिनों का इंतजार है। 2014 की चुनावी सभा में किए गए वायदों को बीजेपी अध्यक्ष ने जुमलेबाजी करार किया था। अब जनता के पास किस मुंह से वोट मांगने मांगने आ रहे है ? पहले वह 2014 में किए गए अपने वायदों को तो पूरा करे और बाद में नए वायदे करे। बीजेपी सरकार ने अपने पांच साल के कार्यकाल में अपने किसी वायदे को पूरा नहीं किया। नोटबंदी, जीएसटी और दुकानों की सीलिंग से व्यापारिओं का कारोबार बिलकुल चौपट हो गया है कुछ लोग भूखमरी के कगार में आ गए है । कांग्रेस उम्मीदवार जयप्रकाश अग्रवाल ने रविवार को मुल्तानी मोहल्ला में चुनाव प्रचार किया। और उन्होंने रानी बाग के शांतिनगर चौक पर चुनाव कार्यालय का उद्घाटन किया। इसके अलावा , जैन कॉलोनी, रानी बाग़ ,गुजरावालां टाउन , कल्याण विहार ,सी सी कॉलोनी शक्ति विहार पीतमपुरा के मतदाताओं से संपर्क किया
कांग्रेस उम्मीदवार ने कहा कि बीजेपी सरकार पांच साल पहले किए गए अपने सभी वायदे भूल गई हैं। अब वह फर्जी राष्ट्रवाद और दिखावटी देशप्रेम के आधार पर वोट मांग रही है। बीजेपी नेता चुनावी सभाओं में सेना के नाम पर वोट मागंते घूम रहे हैं।70 सालों में आज तक किसी सरकार ने देश की सेना के नाम पर वोट नहीं मांगे। जनता बीजेपी सरकार का सारा ढोंग समझती है। अगर बीजेपी सरकार ने पांच साल में कुछ काम किया होता और कारोबारियों, आम आदमी और गरीब वर्गों की समस्याओं का हल किया होता और 2014 चुनाव में किये गए वादों को पूरा किया होता तो उसे सेना के नाम पर वोट मांगने की जरूरत नहीं पड़ती। बीजेपी सरकार के पांच साल के कार्यकाल में जनता नोटबंदी, जीएसटी और सीलिंग से बहुत परेशान रही, लेकिन बीजेपी सरकार के नेताओं को जनता की समस्याओं से कोई फर्क नहीं पड़ा। उन्हें तो जनता को बरगलाकर वोट बटोरना आता है, इसलिए जनता को अब सोच समझ कर वोट देना चाहिए ताकि अगले पांच साल तक परेशानी का सामना ना करना पड़े ।
जयप्रकाश ने कहा कि नोटबंदी के दौरान कई लोगों ने अपने 500-1000 के नोटों को बदलवाने के लिए लाइन में ही दम तोड़ दिया। जीएसटी जैसी जटिल टैक्स प्रणाली से कारोबारियों का काम करना बहुत मुश्किल हो गया। अभी भी जीएसटी का फंडा कारोबारी पूरी तरह समझ नहीं सके हैं।
जयप्रकाश ने अपने ही अंदाज में बोलते हुए दिल्ली की केजरीवाल सरकार को भी नहीं बख्शा। उन्होंने कहा कि दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल को यह बताना चाहिए कि उन्होंने लोगों की समस्याओं को सुलझाने के लिए क्या कदम उठाए? दिल्ली में जब दुकानों की सीलिंग हो रही थी तो केजरीवाल कारोबारियों की मदद करने के लिए आगे क्यों नहीं आए? बीजेपी सरकार के कार्यकाल में हुई सीलिंग से व्यापारियों को अपने घर का खर्चा चलाना मुहाल हो गया। उनकी दुकानें बंद हो गई। जयप्रकाश ने यह भी कहा कि 2006 में भी सीलिंग की स्थिति आई थी, लेकिन कांग्रेस सरकार ने मात्र 15 दिन में दिल्ली की जनता को सीलिंग से राहत दिलाई । इसलिए वोट देने से पहले सोच-विचार जरूर करें और दिल और दिमाग को खुला रखें। अगर कोई गलती हुई तो उन्हें अगले 5 साल तक फिर भुगतना होगा। जिस सरकार ने पांच साल तक कारोबारियों, आम आदमी और गरीबों को इतना परेशान किया। दिल्ली की जनता अब उन्हें कतई वोट नहीं देगी। निवर्तमान सांसद ने कैबिनेट में आम जनता की परेशानियों पर अपना मुंह सिलकर रखा। कैबिनेट मीटिंग में उनकी आवाज ही नहीं निकलती है। वह तो बस बीजेपी के दिग्गज नेताओं की हां में हां मिलाते थे।
जनसंपर्क अभियान में जयप्रकाश अग्रवाल के साथ , पूर्व विधायक कुंवर करण सिंह आदर्श नगर , कांग्रेस कमिटी के अध्यक्ष हरी किशन जिंदल , कांग्रेस के वरिष्ठ नेता कमल कांत शर्मा , चमन लाल शर्मा , देवराज अरोरा , आभा चौधरी , सतीश लूथरा, महिला कांग्रेस की सेक्रेटरी आकांक्षा ओला भी मौजूद थीं। आकांक्षा ने कहा कि दिल्ली की जनता अगर अगले पांच साल तक पछताना नहीं चाहती है तो उन्हें अपना वोट सोच-समझ कर देना चाहिए। वोट देने से पहले यह जरूर सोचें कि कौन सा उम्मीदवार उनकी समस्याओं को ठीक ढंग से उठा सकता है। नई पीढ़ी को सिर्फ जुमलेबाजी से प्रभावित होकर वोट नहीं देना चाहिए। उन्हें यह सोचना चाहिए कि आखिर कौन सी सरकार उनके हित मे काम कर सकती है।