11 साल के विकास कुमार जो मूलतः बिहार के छपरा जिले के रहने वाले है अपने पिता अनिल साह के साथ अपने सम्बन्धियों की सलाह से पारस एचएमआरआई सुपर स्पेषलिटी अस्पताल में न्यूरो फिजिषयन डाक्टर अनिल कुमार झा से उनके ओपीडी में मिलने पहुॅचें। विकास पिछले दो साल से बोली में लड़खड़ाहट, मुॅह से लार टपकना, एक अजीब से दृष्टी दोष, शरीर में अजीब सी ऐठन और चलते हुए गिर जाना जैसी परेशानी से जूझ रहा था। विकास के पिता अनिल साह अपने बेटे की तकलीफ को देखते हुए काफी परेशान रहने लगें। उन्होने वहाॅ के कई लोकल डाक्टरों से भी सलाह ली पर किसी को उसकी बिमारी समझ में नहीं आई। तब अनिल साह जी को उनके किसी रिष्तेदार ने पारस अस्पताल में न्यूरो फिजिषयन डाक्टर अनिल कुमार झा से परामर्ष लेने की बात कही।
ओपीडी में डाक्टर अनिल कुमार झा ने विकास कुमार की पिछली रिपोर्ट को देखते हुए कुछ और टेस्ट (ब्लड टेस्ट, एमआरआई बे्रन, आॅख की जाॅच) करवाने की सलाह दी। जिसकी रिपोर्ट देखने के बाद डाक्टर अनिल ने एक रेयर बिमारी विल्सन डिजीज की पुष्टी की।
डाक्टर अनिल कुमार झा न्यूरोलॉजी विशेषज्ञ बताते हैं कीएष् विल्सन डिजीज . इस बिमारी में मरीज के ब्रेन में काॅपर डिपोजिषन हो जाता है जिसकी वजह से मरीज में तरह-तरह के मुवमेंट डिसआर्डर होते हैं। इसमें मरीज को जीवनभर जिंक एसीटेट/पेनिषिलामिन नामक दवाई खानी पड़ती है। आॅखों में के, एफ रिंग का मौजूद होना इस बिमारी को पकड़ने में बहुत मदद करता है। इस बिमारी में शरीर में सेरूलोप्लाजमीन नामक प्रोटीन की मात्रा बहुत कम हो जाती है। किसी भी बच्चे या यंग एडल्ट में मुवमेंट डिसआॅर्डर क्लीनिक जो हम यहाॅ चलातें है उसमें विल्सन डिजीज को हमेशा ध्यान में रखते हैं क्योंकि यह ईलाज से ठीक हो सकता है। विकास के केस में भी इस बात को मद्देनजर रखते हुए हमने ईलाज किया। अब विकास पूरी तरह ठीक है उसकी दृष्टी दोष और आवाज में लड़खड़ाहट काफी हद तक कंट्रोल में आ गई है पर उसे जीवन भर दवाॅइयाॅ खानी पड़ेगी।
डॉ अनिल कुमार झा यह भी बताते हैं की एष् विल्सन डिजीज न्यूरोलाॅजी की ऐसी बिमारी है जिसका समय रहते ईलाज करवाने पर काफी हद तक ठीक रहने की संभावना रहती है। पर इस बिमारी को कंट्रोल रखने के लिए जीवनभर दवाईयाॅ खानी पड़ती है। विल्सन डिजीज को जल्द से जल्द पकड़ना और घरवालों को इसके ईलाज के बारें में बतलाना काफी आवश्यक है।
अपने बेटे कीे स्थिति में काफी हद तक सुधार को देखते हुए विकास के पिता अनिल साह ने डाक्टर अनिल कुमार झा और पारस एचएमआरआई अस्पताल की उच्चस्तरीय चिकित्सा व्यवस्था का दिल से धन्यवाद दिया।