विकलांगों को “दिव्यांग” नाम तो मिला, पर अभी बहुत कुछ करना बाकी

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भारतीय दिव्यांग संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित कुमार समाज में दिव्यांगों के कल्याण के लिए बेहद महत्वपूर्ण कार्य कर रहे हैं। उनका कहना है कि मोदी ने विकलांगों को “दिव्यांग” नाम देकर उनका सम्मान तो बढ़ाया है, लेकिन दिव्यांगों के कल्याण के लिए काफी कुछ करना बाकी है। यह सरकार बहुत कुछ कर सकती है, लेकिन सरकार को दिव्यांगों के कल्याण की इच्छाशक्ति दिखानी होगी। उन्होंने कहा कि पिछली सरकार ने दिव्यांगों के कल्याण के लिए कई योजनाएं दिखाईं, लेकिन वह ज्यादातर फाइलों में ही रही। बीजेपी और मोदी सरकार ने इस क्षेत्र में बहुत सी योजनाएं और कानून तो बनाया है, पर सरकार की ओर से इस दिशा में और ज्यादा ठोस कदम उठाने चाहिए।

अमित कुमार पटेल ने कहा कि हमारा समाज अब भी दिव्यांगों को उचित आदर नहीं देता। उनका मजाक भी उड़ाया जाता है, लेकिन यह हकीकत है कि दिव्यांगों की समझदारी किसी सामान्य व्यक्ति से ज्यादा होती है। ईश्वर जब किसी से कोई अंग छीनता है तो शेष अंगों की क्षमता दोगुनी कर देता है। ये शासन और समाज का कर्त्तव्य है कि दिव्यांगों को उचित जगह दें, ताकि हम सामान्य लोगों की बराबरी में पहुंच सकें। सरकार को विकलांगों के लिए वैसा ही प्रावधान करना चाहिए, जैसा पिछड़ी जातियों के लिए किया गया है। हालांकि प्रधानमंत्री के सहयोग से दिव्यांगों के कल्याण के लिए चलाए गए विभिन्न कार्यक्रमों में दिव्यांग लोगों को आंख से देखने की इलेक्ट्रिक स्टिक मशीन, कानों से सुनने के लिए इयरफोन, ब्रेन लिपि की सामग्री, स्मार्टफोन, एक्यूप्रेशर सामग्री और मोटर व्हीकल बांटे गए हैं, लेकिन अभी बहुत कुछ किया जाना शेष है।

भारतीय दिव्यांग संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने कहा कि विकलांगता की प्रतिशत के आधार पर दिव्यांगों को पेंशन दी जाए। दिव्यांग कार्ड मुहैया कर उनकी प्राइमरी से ग्रेजुएशन तक की शिक्षा मुफ्त कराई जाए। उन्हें स्वास्थ्य सेवाएं मुफ्त दी जाए। दिव्यांगों को हर महीने राशन मुफ्त मिले। दिव्यांगों को प्राइमरी से ग्रेजुएशन तक मुफ्त शिक्षा मिलनी चाहिए। उनके लिए सरकारी परिवहन सुविधाए निशुल्क होनी चाहिए और उन्हें विमान यात्रा में भी छूट मिलनी चाहिए। सभी दिव्यांगो को स्वास्थ्य सुविधाएं और आर्थिक आधार पर राशन मुफ्त मिलना चाहिए। चुनाव में सभी राजनैतिक दलों को अपने उम्मीदवारों में कम से कम दो विकलांगो को टिकट देना चाहिए।
2006 में अमित कुमार को यूनिलीवर एंट्रिप्रिन्योरशिप प्रोग्राम संबंधी पुरस्कार से सम्मानित किया गया। 2009 में अमित कुमार को मैनेजमेंट और डायरेक्शन स्किल्स के लिए सिंबोसिस यूनिवर्सिटी ने सम्मानित किया। वियतनाम की आरएमआईटी यूनिवर्सिटी ने कंपनी की टॉप लीडरशिप और कर्मचारियों के बीच संबंधों पर थीसिस के लिए अमित कुमार पटेल को पुरस्कार दिया। 2016 में लोगों को तंबाकू और सिगरेट छोड़ने में मदद के लिए उन्होंने हीरो मिक्स नाम का प्रॉडक्ट बनाया। यह आयुर्वेद का चमत्कार है। यह 36 शुद्ध जड़ी-बूटियों से बना है। इसका टेस्ट सादे पान मसाले की तरह है। हीरो मिक्स से कई लोगों की तंबीकू खाने की आदत छूट चुकी है।

गौरतलब है कि अमित कुमार का परिवार पहले बहुत गरीब था, लेकिन अब वह सफल बिजनेसमैन है। वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बहुत बड़े फैन हैं और उनके नेतृत्व में कार्य करना चाहते हैं। वह जन्म से ही दिव्यांग हैं, लेकिन उन्होंने कभी इसे महसूस नहीं किया। आज वह जिस तरह जिंदगी में सफलता की ऊंचाइयों तक पहुंचे हैं। वह चाहते हैं कि समस्त दिव्यांग लोग भी उसी तरह सफलता की उड़ान भरें। उन्होंने 2007 और 2017 में गुजरात विधानसभा का चुनाव लड़ा था। अमित ने कहा कि अगर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उन्हें देश की सेवा और विकलांगों के कल्याण के लिए उन्हें कुछ करने का मौका दिया तो वह बीजेपी से चुनाव लड़कर देश की सेवा और विकलांगों के कल्याण के लिए कार्य करना चाहते हैं। वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ से बेहद प्रभावित है। इसी के तहत वह दिव्यांग कल्याण के कार्य को आगे बढ़ाना चाहते हैं।

हमारी मुख्य अपेक्षाए इस प्रकार हैं-

1 . दिव्यांगो को उनकी विकलंगता की प्रतिशतता के आधार पर दिव्यांग पेंशन दी जाए
2. सरकारी और प्राइवेट कंपनियो में दिव्यंगो के लायक़ पद सिर्फ़ दिव्यंगो को ही दिए जायें – जैसे लिफ़्ट मैन, पत्रावली रिसिव डिस्पेच डिपार्टमेंट , रिसेप्शन , कम्प्यूटर डिपार्टमेंट ।
3. जो पद दिव्यंगो के लिए हैं उन्हें अलग से कंपेंन चला कर भरा जाए।
4 हर एक पब्लिक और प्राइवेट कमर्शियल बिल्डिंग व्हील चेयर फ़्रेंड्ली बनायी जाए और इसे मैप क्लीयरेंस का नियम बनाया जाए
5 सरकार दिव्यंगो को शत प्रतिशत एंप्लोय करने वाले उद्योगों की तहसील स्तर पर स्थापना करे । दिव्यांगो द्वारा चलाए जा रहे उद्योगों को सब्सिडी और फ़ंडिंग की पॉलिसी लाए
6 सरकार दिव्यांग कार्ड की रचना करे जिसमें –
7. प्रायमरी से स्नातक तक की पढ़ाई सरकारी और प्राइवेट दोनो में पूर्णतया फ़्री हो
8. सारी सरकारी परिवहन सुविधाए निशुल्क हों और विमान यात्रा में कंसेशन मिले ।
9. सभी दिव्यांगो को स्वास्थ्य सेवाए निशुल्क रहे ।
10. आर्थिक आधार पर दिव्यांगो को हर माह राशन निशुल्क मिले

सभी राजनैतिक दल अपने उम्मीदवारों में कम से कम दो विकलांगो को टिकट दे , यदि जाति आधार पर और स्त्रियों को देने की बात है तो दिव्यांगो को भी मिलनी ही चाहिए । हम पूरे देश में दिव्यांग के अधिकार के लिए लगे हैं और हमें भीख नहीं हक़ चाहिए ।