ईपीएस-95 पेंशनर्स ने आंदोलन के लिए जुटाई राशि शहीदों के लिए पीएमओ को दान दी

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# खुद गुजारे लायक पेंशन के लिए बरसों से संघर्ष कर रहे हैं ईपीएस पेंशनर्स, लेकिन अपनी तकलीफों को भुलाकर उनमें देशभक्ति का जज्बा सबसे ऊपर देखा

# कमांडर अशोक राउत ने कहा, अगर 21 फरवरी तक मांगें पूरी नहीं होती तो 27 फरवरी को पीएमओ तक मोर्चा निकालेंगे

# 1 लाख रुपये शहीदों के परिवार के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में दान देने का लिया संकल्प

दक्षिण भारत के बेंगलुरु में ईपीएस-95 संघर्ष समिति की (सेंट्रल वर्किंग कमिटी) सीडब्ल्यूसी की बैठक में 1,000 से ज्यादा तालुका और जिला लेवल के नेताओं और प्रतिनिधियों ने भाग लिया। बैठक में राष्ट्रीय संघर्ष समिति (एनएसी) के आगामी आंदोलनों के लिए स्वैच्छिक रूप से चंदा देकर 21,013 रुपये की राशि एकत्र की गई और उन्हें एनएसी के अध्यक्ष को सौंप दिया । एनएसी के अध्यक्ष ने यह सारी राशि शहीदों के परिवार के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में दान देने का फैसला किया। ईपीएस-95 के पेन्सरों ने 1 लाख रुपये शहीदों के परिवार के कल्याण के लिए प्रधानमंत्री राहत कोष में दान देने का संकल्प लिया है | ईपीएस-95 के पेंशनर्स महीने में गुजारे लायक सम्मानजनक पेंशन के लिए बरसों से संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन उनमें देशभक्ति का जज्बा सबसे ऊपर दिखा। एनएसी के अध्यक्ष के इस फैसले का वहां उपस्थित भीड़ ने जोरदार तालियां बजाकर स्वागत किया। इस अवसर पर वहां मौजूद लोगों ने भारत माता की जय और वंदेमातरम के नारे लगाकर माहौल को देशभक्ति से परिपूर्ण कर दिया। गौरतलब है कि कोशियारी समिति की सिफारिशों के तहत कम से कम 7,500 रुपये मासिक पेंशन और अंतरिम राहत के रूप में 5000 रुपये और महंगाई भत्ते की मांग के लिए संघर्ष कर रहे ईपीएस-95 पेंशनर्स कई बरसों से संघर्ष कर रहे हैं। ईपीएस-95 योजना के तहत 62 लाख पेंशनधारक है, जिसमें से करीब 40 लाख सदस्यों को हर महीने 1500 रुपये से कम पेंशन मिल रही है और अन्य कर्मचारियों को 2 हजार रुपये से ढाई हजार रुपये मासिक पेंशन मिल रही है।

कमांडर अशोक राउत ने कहा, “ईपीएस पेंशन के लिए संघर्ष करना हमारा वैध अधिकार है, पर यह अंदरूनी मुद्दा है। देश की सुरक्षा सबसे पहले हैं। हम गरीब, वंचित और लाचार होते हुए अपने तरीके से देश सेवा करते ही रहेंगे। कामगारों ने देश का निर्माण किया है । जरूरत पड़ने पर अपने देश की सुरक्षा के लिए हम बैसाखियां लेकर भी खड़े होंगे।“

सीडब्ल्यूसी की बैठक में यह फैसला किया गया कि अगर 21 फरवरी को सीबीटी की बैठक में हमारी मांगों को पूरा न किया गया तो 27 फरवरी को अलग-अलग राज्यों से हजारों ईपीएफ पेंशनर्स पीएमओ तक मोर्चा निकलेंगे और इंसाफ की मांग करेंगे।