अभी तक प्राप्त आंकड़ों के अनुसार राजधानी में अधिक संख्या में युवा वयस्कों के घुटने में दर्द रहता है। आंकड़ों के अनुसार, 1 से 3 प्रतिशत युवा वयस्कों में घुटने के दर्द का अनुभव किसी भी समय हो सकता है। आमतौर पर घुटने से सटे मांसपेशियों में असंतुलन के कारण भी कभी कभी दर्द होता है, जो कि घुटने के दर्द पर पूरी तरह से प्रभाव डालता है। दर्द बढऩे का सबसे सामान्य कारण माना जाता है अपाज्य खानपान और अजीबोगरीब जीवन शैली। वैसे, बता दें कि इन दिनों जंक और जमे हुए भोजन नियमित रूप से लेना ही गठिया और जोड़ों के दर्द को कम करने का प्रमुख कारण माना जा रहा है। पी डी हिंदुजा नेशनल हॉस्पीटल के ऑर्थोपेडिक्स विभाग के हेड डा. संजय अग्रवाला के अनुसार ‘एक सर्वे के अनुसार, युवाओं के घुटने में दर्द रहने वाले व्यक्तियों की संख्या में इन दिनों बेतहाशा वृद्धि हुई है, हालांकि इसका निदान है। दरअसल, अब वे अपने घुटनों के पैकअप के इंतजार के बजाय सक्रिय जीवन शैली बनाए रखने में सक्षम हो सकते हैं. आंशिक घुटने का रिप्लेसमेंट और नए मिश्र धातु प्रत्यारोपण जैसी नवीनतम तकनीक पिछले वाले तकनीक की तुलना में बहुत बेहतर और कारगर साबित हो रही है, जो घुटनों के दर्द पर लंबे समय तक सकारात्मक प्रभाव सुनिश्चित करती रहती है. इससे पहले घुटने के प्रतिस्थापन को लगातार दर्द से पीडि़त बुजुर्गों के लिए एक आवश्यकता माना जाता था, लेकिन आज बेहतर इम्प्लांट तकनीक के कारण युवा पीढ़ी कम उम्र में सर्जरी के प्रति सकारात्मक रुख अपना रही है.’
बता दें कि आंशिक घुटने के प्रतिस्थापन का मुख्य लाभ यह है कि यह एसीएल को संरक्षित करता है, जो घुटने की स्थिरता के लिए एक महत्वपूर्ण बंधन है, जो कुल घुटने के प्रतिस्थापन के मामले में विपरीत है. चूंकि यह न्यूनतम चीरा दृष्टिकोण का अनुसरण करता है, इसीलिए ज्यादातर घुटने से पीडि़त रोगी इस तकनीक को अपनाने में कोताही महसूस नहीं करते, क्योंकि न केवल यह स्नायुबंधन को बरकरार रखता है, बल्कि मरीज घुटने के बदले हुए हिस्से को एक प्राकृतिक हिस्सा मानता है, महाजन ने यह जानकारी दी.
डा. संजय अग्रवाला का कहना है कि आंशिक घुटने का प्रतिस्थापन एक न्यूनतम इनवेसिव प्रक्रिया है, जहां कार्टिलेज पूरी तरह से खराब हो जाने पर घुटने के जोड़ों के आंतरिक और सामने के दोनों हिस्से फिर से संगठित हो जाते हैं.’ उन्होंने कहा, हम आपको बता दें कि उम्र बढऩे की बीमारी से पीडि़त युवा रोगियों के लिए आंशिक घुटने का प्रतिस्थापन एक अच्छा विकल्प बन सकता है. अन्य इनवेसिव प्रक्रियाओं के विपरीत, आंशिक घुटने के प्रतिस्थापन को रोगी के घुटने पर एक छोटे चीरे के माध्यम से किया जा सकता है. यह अधिक प्राकृतिक रोगी-विशिष्ट स्थिति के साथ हमारी प्राकृतिक हड्डी और ऊतक के संरक्षण में भी मदद करता है, जिससे प्राकृतिक एहसास होता है.
ऑर्थो नेविगेशन सूट जैसी उन्नत नेविगेशन तकनीकों के साथ संयुक्त ब्रेनलैब से एकीकृत तकनीक मैक्स स्मार्ट सुपर स्पेशलिटी अस्पताल में उपलब्ध है.’ ‘यह तकनीक दिल्ली एनसीआर में एकमात्र अस्पताल मैक्स में उपलब्ध है, क्योंकि यहां आंशिक घुटने के प्रतिस्थापन के परिणाम बेहद संतोषजनक हैं. युवा गठिया में आंशिक घुटने का प्रतिस्थापन एक बहुत ही सफल प्रक्रिया है, जहां रोग घुटने के औसत दर्जे के कम्पार्टमेंट तक ही सीमित है. याद रहे कि यदि आपने किसी भी कारण से संशोधन सर्जरी की परिकल्पना की है, तो आप भी इस प्रक्रिया का अतिरिक्त लाभ उठा सकते हैं, क्योंकि आपके घुटने को अभी भी पूर्ण प्रतिस्थापन में आसानी से बदला जा सकता है।’