सौर ऊर्जा के क्षेत्र में दूरदर्शी नेता, नेशनल सोलर एनर्जी फेडरेशन ऑफ इंडिया के चेयरमैन श्री प्रणव आर. मेहता ने वॉशिंगटन डीसी में स्थित ग्लोबल सोलर काउंसिल (जीएसएसी) में 1 जनवरी 2019 से अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाल लिया है।
ग्लोबल सोलर काउंसिल की लॉन्चिंग सौर ऊर्जा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग करने वाले 30 से ज्यादा देशों के अंतरराष्ट्रीय गठबंधन में पेरिस में जलवायु परिवर्तन समझौते के दायरे में 6 दिसंबर 2015 को ऐतिहासिक संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (यूएन सीओपी 21) के दौरान की गई। इन देशों में चीन, अमेरिका, जर्मनी, फ्रांस, इटली, स्पेन ऑस्ट्रेलिया, दक्षिण अफ्रीका, मध्यपूर्व, इस्राइल, ब्राजील, मैक्सिको, ताइवान, मलेशिया समेत ज्यादा से ज्यादा देशों की सोलर असोसिएशन शामिल है। इसके अलावा विशाल, लघु और मध्यम श्रेणी की कंपनियां ग्लोबल सोलर असोसिएशन में शामिल हो रही है। जीएससी ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन के प्रति प्राइवेट और एनजीओ सेक्टर की ओर से की गई पहल की प्रतिक्रिया है।
ग्लोबल सोलर काउंसिल राष्ट्रीय और क्षेत्रीय सौर संघों और निगमों का अंतररराष्ट्रीय गठबंधन है, जो स्थापित और उभरते हुए मार्केट में निजी क्षेत्र का प्रतिनिधित्व करती है, जिसमें अपने देश में सौर ऊर्जा का अधिक से अधिक मात्रा में उपयोग कर रहे 30 से ज्यादा देशों के विश्व के सबसे बड़े मार्केट शामिल हैं। ग्लोबल वार्मिंग और जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए निजी क्षेत्र की प्रतिक्रिया के तौर पर पेरिस में 6 दिसंबर 2015 में यूएन कॉप सीओपी 21के दौरान पेरिस जलवायु वार्ता के दौरान ग्लोबल सोलर काउंसिल को लॉन्च किया गया था। इसका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय सरकारी निकायों जैसे आईएसए, आईआरईएनए, आरईएन 21, क्लीन एनर्जी मिनिस्ट्रियल के करीबी और नजदीकी सहयोग से विश्व में सौर ऊर्जा के विकास को बढ़ावा देना, इसका विस्तार करना और सोलर पैनल की स्थापना करना था। जून 2018 में जीएससी ने इंटर सोलर म्यूनिख के दौरान म्यूनिख में आईएसए के साथ सहयोग का समझौता किया। जीईसी ने आईएसए के साथ मिलकर कई गतिविधियों का संचालन किया है, जिसमें कृषि क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाले सोलर पंपों के निर्माण, सोलर क्षेत्र में क्षमता निर्माण और सौर ऊर्जा का विभिन्न क्षेत्रों में उपयोग बढ़ाना शामिल है। जीएससी का आईआरईएनए के साथ भी इसी तरह का समझौता है। जीएससी सौर ऊर्जा बढ़ाने के क्षेत्र में कारर्वाई के लिए आईआरईएनए के गठबंधन का महत्वपूर्ण हिस्सा है।
प्रणव आर. मेहता को ग्लोबल सोलर एनर्जी के विचारक नेता के तौर पर उच्च सम्मान प्राप्त है। उन्होंने शुरुआत से ही जीएससी के अध्यक्ष और उपाध्यक्ष होने के नाते अग्रिम मोर्चे पर रहकर जीएससी में गतिविधियों का प्रतिनिधित्व किया।
सोलर वर्ल्ड में भारत का बढ़ता दबदबे को इस तथ्य से देखा जा सकता है कि सौर ऊर्जा के क्षेत्र में भारत के उल्लेखनीय विकास में अपने विजन और अनुभव को साझा करने के लिए दुनिया के 15 से ज्यादा देशों की ओर से आमंत्रित किया गया है।
यह कहना अतिश्योक्ति नहीं होगी कि प्रणव मेहता को चीन, अमेरिका, जर्मनी, स्पेन, इटली, अफ्रीका, ब्राजील, मैक्सिको, अरब वर्ल्ड, अर्जेंटीना, आईएए, आईआरईएनए कोलिएशन फॉर एक्शन और सोलर कॉरपोरेट वर्ल्ड की ओर से समान रूप से प्यार, स्नेह और सम्मान हासिल है। प्रणव मेहता ने 2006 में सौर ऊर्जा के क्षेत्र में अपना सफर किया था, जब भारत की सौर ऊर्जा उत्पादन की जीरो मेगावॉट की क्षमता थी। उन्हें सौर ऊर्जा के क्षेत्र में राय बनाने, उस पर विशेष जोर देने और सोलर एनर्जी के प्रति जागरूकता फैलाने में महत्वपूर्ण और उत्प्रेरक भूमिका निभाने का श्रेय हासिल है। उन्होंने सोलर एनर्जी के सभी भागीदारों के प्रयासों को एकीकृत किया है, जिसमें सरकारी और निजी क्षेत्र के साथ बुद्धिजीवी भी शामिल है।
उन्होंने भारत को सौर ऊर्जा का अधिकाधिक उपयोग करने वाले टॉप 5 देशों में शामिल कराया है। भारत अब तीसरा सबसे बड़ा सोलर मार्केट है। यह एक असाधारण उपलब्धि है, लेकिन अत्यधिक विनम्र और लो प्राफाइल रहने वाले प्रणव आर. मेहता इसका क्रेडिट राजनैतिक इच्छाशक्ति और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कुशल नेतृत्व को देते हैं। इसी के साथ वह सोलर इंडस्ट्री के दिग्गजों और सरकार समेत सभी भागीदारों को भी इसका श्रेय देते हैं। प्रणव कहते हैं, भारत का प्रभावशाली विकास प्रधानमंत्री और उनकी सक्षम नीतियों, सक्रिय ब्यूरोक्रेसी की भूमिका को देते हैं। पूंजी निवेश, तकनीक के विकास,रोजगार सृजन, कौशल विकास, नए-नए स्त्रोतों से वित्त पोषण और सौर ऊर्जा की लागत कम करने के क्षेत्र में सोलर इंडस्ट्री के दिग्गजों के योगदान को हम भूल नहीं सकते।
प्रणव आर. मेहता को अगले हफ्ते अबू धाबी में “ सोलर विजनरी और इनफ्लूएंसर अवॉर्ड “ से सम्मानित किया जाएगा।
सोलर क्षेत्र में भारत का परचम बुलंद रखने वाले प्रणव आर. मेहता को विश्व को उल्लेखनीय योगदान देने के क्षेत्र में सोलर फ्यूचर डे की ओर से सोलर विजनरी और इन्फ्लूएंसर अवॉर्ड से सम्मानित किया जाएगा। अबू धाबी में वर्ल्ड फ्यूचर एनर्जी समिट के दौरान 15 जनवरी 2019 को उन्हें यह पुरस्कार दिया जाएगा। प्रणव मेहता सौर ऊर्जा और पर्यावरण के क्षेत्र में जाना-पहचाना नाम है। उनका अपने सपनों को पूरा करने में अटूट विश्वास है। वह सौर ऊर्जा क्षेत्र के लगातार विकास के लिए जानी-पहचानी दृढ़ता, उत्साह, मेहनत और लगन से काम कर रहे हैं।
जीएससी की भविष्य की योजनाएं
जीएससी के फ्यूचर प्लान के लिए जीएससी के चेयरमैन मेहता कहते हैं
“मेरा दिल उन लोगों के लिए धड़कता है, जिसके पास सौर ऊर्जा हासिल करने के स्त्रोत नहीं है या सोलर एनर्जी तक उनकी पहुंच नहीं है।
ग्लोबल सोलर काउंसिल केवल लगातार विकास करने का प्रयास ही नहीं कर रहा है, काउंसिल ने दुनिया भर में सोलर एनर्जी का दायरा फैलाया है और उनके पास पहुंची है, जिनके पास सोलर एनर्जी हासिल करने के संसाधन नहीं है। दुनिया भर में 2030 तक इन लक्ष्यों की प्राप्ति के लिए हम आईएसए, आईआरईएनए, दुनिया भर की सरकारों और समान सोच वाले सकारात्मक संगठनों के साथ मिलकर प्रयास कर रहे हैं। यह लक्ष्य निम्नलिखित हैं।
• विकेंद्रीयकृत ऊर्जा को सुनिश्चन करने के लिए 1.0 ट्रिलियन मिनी ग्रिड की स्थापना
• 10.0 मिलियन नौकरियां
निसंदेह हम पहले इन सभी लक्ष्यों को 1.0 मिलियन की संख्या तक हासिल करने की कोशिश करेंगे और उसके बाद नई स्टोरेज और अन्य तकनीकों से इसका विकास करेंगे।
प्रणव आर. मेहता के कोट
• “मेरा दिल उन लोगों के लिए धड़कता है, जिनकी सौर ऊर्जा तक पहुंच नहीं है”
• “सौर ऊर्जा में गरीबी को मिटाने की गजब की क्षमता है”
• “ऊर्जा की खपत के साथ इसका उत्पादन होना ही चाहिए”
• “हम ऊर्जा के विकास के दौर से गुजर रहे हैं। दूसरे लोग इसे ऊर्जा का संक्रमण कहते हैं। जर्मनी इसे एनर्जी वेंडे के नाम से पुकारता है। मैं इसे ऊर्जा का विकास कहता हूं। पुराने निष्प्रभावी तरीके ऊर्जा के विकास के नए तरीकों के लिए राह बना रहे हैं। विकास कभी डिजाइन से नहीं होता। यह आवश्यकता या जरूरत से होता है।“
• “सौर ऊर्जा हाई सोसाइटी के लोगों से निम्न वर्ग तक पहुंचनी चाहिए। इसकी पहुंच आम लोगों तक होनी चाहिए। यह सिर्फ बड़े एमडब्ल्यू और जीडब्ल्यू प्लांट तक सीमित नहीं होनी चाहिए।“
• 2002 की शुरुआत में श्री प्रणव आर. मेहता ने सौर ऊर्जा की पैरवी करते हुए “खेत खेत में सोलर” का आइडिया दिया था।
• हमें इस स्लोगन को बढ़ावा देना चाहिए, “मेरा किसान बिजली मांगता नहीं है, देता है।“ 6 साल पहले एनएसईएफआई ने यह आइडिया दिया था। भारत सरकार कुसुम योजना के साथ आई है, जबकि गुजरात सरकार स्काई योजना के साथ आई है।
• रुकावटों के बावजूद विश्व स्तर पर सौर ऊर्जा का विकास हो रहा है। सोलर ऊर्जा में कीमत की कटौती फाइनेंशियल इंजीनियरिंग से ही हो सकती है। सोलर इंडस्ट्री के लीडर्स ने इसे खोजा है। आजकल सौर ऊर्जा शेष विश्व में बढ़ रही है।
सौर ऊर्जा के विकास में जुटे अपेक्षाकृत नए देशों को सौर ऊर्जा के विकास की नीति के बारे में शिक्षा देने और हस्तांतरण करने में भारत को पर्याप्त अनुभव है।
रिन्यूएबल एनर्जी इक्विपमेंट और सर्विसेज के निर्यात की भारत के पास अपार क्षमता है। हमने रिन्यूएबल एनर्जी एक्सपोर्ट प्रमोशन काउंसिल ऑफ इंडिया के गठन के लिए एक प्रस्ताव भारत सरकार को दिया है।