रिटायर्ड सॉर्ट सर्विस कमिशन ऑफिसर्स को पेंशन और मेडिकल सुविधाएं क्यों नहीं?

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1965 और 1971 की जंग लड़ चुके सैनिक अपने पेंशन अधिकारों और मेडिकल सुविधाओं की मांग को सामने रखने के लिए रिटायर्ड सॉर्ट सर्विस कमिशन ऑफिसर्स 21 दिसंबर 2018 को दिल्ली के प्रेस क्लब ऑफ इंडिया के कॉन्फ्रेंस रूम में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर अपने दर्द को आवाज देंगे। एसएससी एक्स सर्विसमैन के प्रतिनिधि और 1971 की जंग का हिस्सा रह चुके कैप्टन जसपाल सिंह और 1965 की जंग लड़ चुके कैप्टन हरीश गुलाटी इस कॉन्फ्रेंस में अपने साथ हो रही नाइंसाफी को सामने रखेंगे।

इन एक्स सर्विसमैन ने सुविधाएं देने के मामले में अपने साथ भेदभाव होने का आरोप लगाया है। उन्होंने सेना में भर्ती नियमित अफसरों की तरह पेंशन और मेडिकल सुविधाएं देने की मांग की है। एसएससी के एक्स सर्विस मैन ऑफिसर इस सिलसिले में कई बार रक्षा मंत्री और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ से मिल चुके हैं, लेकिन अब तक उनके प्रयास व्यर्थ ही साबित हुए हैं।

कैप्टन जसपाल सिंह ने कहा कि , “आर्मी में 5 या 10 साल तक सेवा करने और कई अभियानों में भाग लेने के बाद उन्हें यह पता चला कि उन्हें न तो कोई पेंशन मिलेगी और न ही किसी तरह की मेडिकल सुविधाएं मिलेंगी। आज जब केंद्र और राज्य सरकारों की और से कई योजनाएं विभिन्न श्रेणियों में सिविलियंस को लाभ प्रदान करने के लिए दी गई है। असएससी और इमरजेंसी कमीशंड ऑफिसर्स के लिए ऐसी कोई पॉलिसी नहीं है। मिलिट्री अस्पतालों में एसएससी एक्स सर्विस मैन के इलाज की सुविधा मनमाने ढंग से वापस ले ली गई थी। अपनी रोजी रोटी कमाने के लिए आज ये एक्स सर्विस मैन निम्न स्तर की नौकरियां करने को मजबूर हैं। देश के लिए लड़ने और गैलेंट्री अवार्ड जीतने वाले इन सैनिकों के लिए कोई पेंशन और दूसरी सुविधाएं नहीं हैं। “

देश की रक्षा और सुरक्षा की खातिर 1965 और 1971 की जंग का हिस्सा रहे एसएससी एक्स सर्विसमैन पेंशन और मेडिकल बेनिफिट्स के लिए देश के रक्षा मंत्री और चीफ ऑफ आर्मी स्टाफ से गुहार लगा चुके हैं, लेकिन इतने सालों की लड़ाई के बावजूद उन्हें कुछ हासिल नहीं हुआ।

कैप्टन जसपाल सिंह ने बताया इमरजेंसी सर्विस और एसएससी के पूर्व सैनिक बहुत सारे गैलेंट्री अवार्ड जीत चुके है, जिसमें से कई ने तो परमवीर चक्र, वीर चक्र, और अशोक चक्र भी हासिल किए है। उन्होंने बताया कि उन्होंने अब तक 20 से 25 प्रेजेंटेशन और पत्र रक्षा मंत्री को भेजे हैं| उन्होंने कहा कि उनसे अच्छे तो इमरजेंसी के दौरान गिरफ्तार नेता थे, जिनको सरकारों ने अपने-अपने प्रदेश में पेंशन और मेडिकल सुविधा दी हुई है। 2015 में सरकार की तरफ से दिया गया ओआरओपी का लाभ इमरजेंसी सर्विस और एसएससी के पूर्व सैनिकों को भी मिलना चाहिए, क्योंकि इन सैनिकों ने देश की सुरक्षा की खातिर कुर्बानी दी है।