राम मंदिर बनने से कोई ताकत रोक नहीं सकती: सुब्रहमण्यम स्वामी

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विश्व हिंदू परिषद के संस्थापक अशोक सिंहल की पुण्यतिथि पर बीजेपी के वरिष्ठ नेता सुब्रहमण्यम स्वामी ने कहा कि इस देश में कोई ताकत अयोध्या में राम मंदिर बनने से नहीं रोक सकती। इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने अपने निर्णय में मनमानी की, जो एक हिस्सा उन्होंने मुस्लिमों को दे दिया। हमारा देश ऐतिहासिक मोड़ पर है जो राष्ट्र निर्माण का मोड़ है। राम राष्ट्रीय भगवान है।

अरुंधति वशिष्ट अनुसंधान पीठ प्रयागराज की ओर से हिंदू हृदय सम्राट अशोक सिंहल की पुण्यतिथि पर वाराणसी में काशी हिंदू विश्वविद्यालय के स्वतंन्त्रता भवन में आयोजित तीसरे ‘श्रध्देय अशोक सिंघल की स्मृति में श्री रामजन्म भूमि मंदिर : स्थिति और संभावनाओं’ विषय पर बोलते हुए बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुब्रहमण्यम स्वामी ने कहा कि अशोक सिंघल जी ने ही मुझे रामसेतु पर याचिका दायर करने के लिए कहा था। वह एक ऋषि थे, जिस तरह उनसे प्रेरणा मिलती थी। उन्होंने कहा कि श्रीलंका के प्रधानमंत्री ने माना है कि अयोध्या में राम जन्मभूमि मंदिर बनने से श्रीलंका में पर्यटन बढ़ने की संभावना रहेगी। श्रीलंका की सरकार रावण के महल, अशोक वाटिका को राष्ट्रीय धरोहर घोषित करने की संभावना पर विचार कर रही है।

स्वामी ने कहा कि सब संपत्ति के लिए लड़ रहे हैं। मैं अपनी आस्था के लिए लड़ रहा हूं। मैं अनुच्छेद 25 के तहत अपने मूलभूत अधिकारों के लिए लड़ रहा हूं, लेकिन कांग्रेस हमारी तारीख ही लगने नहीं देती है। सुप्रीम कोर्ट ने राम मंदिर की दिशा में आधा काम यह मानकर कर दिया है मस्जिद इस्लाम का हिस्सा नहीं है, जबकि हमारे मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा की जाती है और प्राण प्रतिष्ठा के बाद मंदिर सदा मंदिर ही रहता है। रामजन्मभूमि पर सरकार कानून भी बना सकती है। महाभारत के पांडवों के प्रस्ताव और कौरवों के प्रसंग को बताते हुए उन्होंने कहा कि काशी, मथुरा और अयोध्या को छोड़ दो, नहीं तो कुछ भी बाकी नहीं रहेगा।

उन्होंने कहा कि देश का विभाजन धर्म के आधार पर हुआ लेकिन बाद में जवाहरलाल नेहरू ने कहा कि जो जाना चाहे जाए, जो रुकना चाहे रुके। मैं भी यह मानता हूं लेकिन वह यह मान ले कि भारत के पूर्वज उनके है। अगर नहीं मानते तो वह गजनवी और गौरी के वंशज है, जिसे हम बर्दाश्त नहीं कर सकते। हमारी विराटता तभी प्रकट होगी, जब रामजन्मभूमि पर मंदिर बनेगी। कोई एक कारण बता दीजिए कि राम जन्मभूमि पर मस्जिद बननी चाहिए। 1949 के बाद रामजन्मभूमि स्थित बाबरी मस्जिद में लगातार पूजा हो रही थी इसलिए मुरली मनोहर जोशी,आडवाणी और उमा जी ने गलत नहीं किया। अंत में उन्होंने कहा कि मेरा मूलभूत अधिकार है, हम सब मिलकर मंदिर बनाएंगे क्योंकि राम की लीला है जैसे राम सेतु बचा वैसे ही मंदिर बनेगा विश्वास रखिए।

विश्व हिंदू परिषद के उपाध्यक्ष माननीय चंपत राय जी कर रहे थे। यह मंदिर हिंदुस्तान की मूंछ का सवाल है। जब 6 दिसंबर आता है, हम बोलते नहीं है, उससे पहले ही भारत में लोग चिल्लाने लगते हैं और जब हम बोलते हैं तो लोग कहते हैं चुनाव आ गया है। उन्होंने कहा कि राम जन्मभूमि हिंदुओं ही है। मंदिर राष्ट्रीय सम्मान का विषय है, यह मात्र 12 हजार वर्ग फीट विवाद नहीं है। बाबरी मस्जिद बनाए जाते समय 15 दिन तक लड़ाई हुई, जिसके कारण मस्जिद कभी पूर्ण रूप से नहीं बन पाई। 70 से ज्यादा लड़ाइयों में 4 लाख से अधिक लोगों का बलिदान हुआ।
राय ने कहा कि देश की आजादी के बाद 22 दिसंबर 1949 को 40 से 50 नौजवानों ने उस ढांचे के अंदर मूर्ति की स्थापना की, तब से वहां आज पूजा हो रही है। मंदिर आंदोलन को जन-जन तक ले जाने के लिए विहिप ने प्रत्येक गांव से एक ईंट और सवा रुपया चंदे के रूप में मांगा गया था। इस प्रयास में विश्व हिंदू परिषद ने तीन लाख गांवों के छः करोड़ घरों से सम्पर्क किया था। उन्होंने कहा कि मंदिर 15 ईसा पूर्व के पहले का था। उन्होंने कहा कि न हमने, न मुस्लिम पक्षकारों ने विभाजन की मांग की थी उनके अंतिम शब्द थे कि लड़ाई तब तक चलेगी जब तक पूरी जमीन नहीं मिल जाती। मैं अशोक जी के विचार रखने का प्रयास कर रहा हूं।