कोरबा, छत्तीसगढ़: छत्तीसगढ़ चुनाव आते ही राज्य में हिंसक वारदातें होने लगी हैं। बीती रात कोरबा ज़िले के जनसंगठन संस्था की जुझारू कार्यकर्त्ता मोनिका ओझा के घर में कुछ असामाजिक तत्वों ने आग लगा दी। मोनिका के घर के आँगन में रखे उनकी स्कूटी, एक मोटरसाइकिल, बच्चे की एक साइकिल और कई ज़रूरी सामनों को आग के हवाले कर दिया। मोनिका ने बताया, “रात के तक़रीबन 12 बजे मैंने घर के आँगन से उठती आग की लपटें देखीं। जब बाहर निकली तो देखा कि आग फ़ैली है। मैंने चिल्ला कर अपने घर वालों को जगाया। फिर पड़ोस के दो भैया आये और उन्होंने आग पर क़ाबू पा लिया।”
सुबह क़रीब 10 बजे पुलिस ने मौक़ा-ए-वारदात पर पहुँचकर घटनास्थल का जायज़ा लिया। थाना प्रभारी अनिल कुमार ने कहा, “प्रथम दृष्टया के मुताबिक़, ये किसी शरारती तत्वों की कारिस्तानी लगती है। हमने पूरे घटनास्थल को देख लिया है और अपनी छानबीन आगे बढ़ाएंगे।” उन्होंने आशंका जताई कि ये किसी नशेड़ी और शराबी का काम लगता है। अनिल कुमार ने आगे कहा कि “हम घटनास्थल को सीज़ करेंगे और जले सामानों को सैम्पलिंग के लिए भेजेंगे। इस पूरे मामले में हमने प्राथमिकी दर्ज कर लिया है और जांच बढ़ाएंगे।”
जनसंगठन से जुड़े कार्यकर्ता और विशाल के दोस्तों ने भी इस इस पूरे घटना की भर्त्सना की। विशाल के मित्र श्री अमित उपाध्याय ने कहा, “ये एक निंदनीय घटना है। आज कुछ असामाजिक तत्त्व हमारी घर की महिलाओं को टारगेट कर रहे हैं। जब कभी वो बाज़ार में निकलती हैं तो उनपे कमेंट किये जा रहे हैं। ये सारी घटनाएँ राजनीतिक हैं। हमपर दवाब बनाया जा रहा है कि हम डर के बैठ जाएँ। लेकिन हम डरने वालों में से नहीं हैं।”
जनसंगठन के आईटी सेल हेड, शुभम दूबे, ने हमसे बातचीत के दौरान कहा ,”ये जो घटना घटी है वो बहुत ही ज़्यादा शर्मनाक है। डराने और धमकाने की ऐसी ही घटना विशाल जी की माँ के साथ भी हुई है। कई राजनीतिक पार्टियां विशाल केलकर की बढ़ती लोकप्रियता से डर चुकी हैं और अब वो हिंसक तरीक़े अपना रहे हैं।” पत्रकार अजय राय ने भी मोनिका के साथ हुई इस घटना की निंदा की।
इस घटना को लेकर जनसंगठन के दूसरे सदस्यों के बीच ख़ासा ग़ुस्सा दिखा। सदस्य अनिल द्विवेदी ने कहा, “मोनिका बहुत एक्टिव कार्यकर्ता है। कोरबा शहर में जनसंगठन का प्रभाव ख़ासा बढ़ रहा है। जो भी पार्टियां इस बार कोरबा से चुनाव लड़ रही हैं वो डर चुकी हैं। ये पूरा मामला एक सोची समझी रणनीति के तहत हमें डराने के लिए अंजाम दिया गया है। ये एक षडयंत्र है कि किसी तरह से जनसंगठन के कार्यकर्ताओं को डराया या धमकाया जाए। जनता को पैसा बाँट कर जो लोग राजनीति करते आये हैं ये उनलोगों का किया कराया है। लेकिन ऐसी घटनाओं और धमकियों से हम डरने वाले नहीं हैं।”
बीते दिनों विशाल केलकर के घरवालों के साथ भी धमकी जैसी घटनाएँ हुईं हैं। विशाल की माँ ने बताया, “मैं अपनी सहेलियों के साथ कॉफ़ी हाउस गयी थी। वहां पर कुछ बदमाश हमारे पास आये और कहने लगे कि हम आपको देख लेंगे। मेरे परिवार में से मेरी बहू भी थी। आज मोनिका के साथ हुई इस घटना से यही लगता है कि वो (विपक्षी) लोग डर गए हैं। मेरे बेटे ने हमेशा कोरबा के लिए काम किया है और आगे भी करता रहेगा। जिस समाज सेवा से विशाल जुड़े रहे हैं वो अब विपक्षी पार्टियों को खलने लगी हैं।”
आगामी 20 नवंबर को छत्तीसगढ़ में दूसरे चरण के मतदान होने हैं। कोरबा ज़िले में मतदान भी 20 नवंबर को ही होंगे।