0.8 C
London
Thursday, November 28, 2024
HomeHealth and Wellnessकैंसर के मरीज भी अब बहुत सरल एवं किफायती चिकित्सा पद्धति से...

कैंसर के मरीज भी अब बहुत सरल एवं किफायती चिकित्सा पद्धति से पा सकते हैं अब दर्द से राहत

Date:

Related stories

प्रेस विज्ञप्ति
२६ अक्टूबर २०१८

कैंसर के मरीज भी अब बहुत सरल एवं किफायती चिकित्सा पद्धति से पा सकते हैं अब दर्द से राहत

कैंसर के मरीजों को अब दर्द से तड़फने की ज़रुरत नहीं

आज यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल,कौशाम्बी में आयोजित एक प्रेस वार्ता को सम्बोधित करते हुए वरिष्ठ पेन मैनेजमेंट विशेषज्ञ डॉ नीरज जैन और डॉक्टर सुनील शर्मा की टीम ने बताया कि वक्त के साथ कैंसर के ट्रीटमेंट में सुधार तो हुआ है लेकिन आज भी कैंसर की वजह से पेशंट को होने वाले जानलेवा दर्द और उसकी पीड़ा से डॉक्टर भी कांप जाते हैं, हालात यहां तक होते हैं कि परिजन ऐसी स्थिति में अपने ही मरीज की मौत चाहने लगते हैं।

अंतर्राष्ट्रीय ख्याति प्राप्त वरिष्ठ पेन मैनेजमेंट विशेषज्ञ डॉ नीरज जैन ने बताया कि बताया कि कैंसर की बीमारी की वजह से आखिरी स्टेज वाले इन्हीं पेशंट की बची जिंदगी को दर्द से निजात दिलाने के लिए यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल,कौशाम्बी दर्द के प्रबंधन हेतु पैलेटिव केयर शुरू किया गया है, जो न केवल इस जानलेवा दर्द से राहत दिलाता है बल्कि उन्हें बचे काम करने का भी पूरा मौका देता है। आज कई मरीजों को इसका फायदा मिल रहा है। डॉ नीरज जैन ने कहा कि अंतिम समय में मरीज को लाइफ की क्वॉलिटी देने के मकसद से यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल ने यह पहल की है। पैलेटिव केयर के डॉक्टर नीरज जैन एवं डॉ सुनील शर्मा बताते हैं कि इस समय पेशंट जिंदा तो होते हैं लेकिन दर्द उनकी रूह तक को कंपा देता है। कैंसर में विशेषतः आँतों का कैंसर, फेफड़ों का कैंसर, हड्डियों का कैंसर ऐसा होता है जिनमें दर्द बहुत ज्यादा होता है , यशोदा सुपर स्पेशलिटी हॉस्पिटल,कौशाम्बी के दर्द प्रबंधन विभाग द्वारा पैलेटिव केयर में एडवांस्ड नर्व ब्लॉक तकनीकी से इलाज किया जाता है जिसमे जो नसें दर्द का सिग्नल दिमाग तक पहुँचाती हैं उन नसों से सिग्नल को रेडियो फ्रीक्वेंसी एब्लेशन के माध्यम से बंद कर दिया जाता है , इस पद्धति को न्यूरोलाइसिस कहते हैं I डॉ सुनील शर्मा ने बताया कि लेजर मशीन के जरिये भी नसों से दर्द का संचालन ख़त्म किया जा सकता है

डॉ नीरज जैन ने बताया कि कैंसर का दर्द इतना असहनीय होता है कि इसमें सामान्य पेन किलर का असर न के बराबर होता है तथा ज्यादा भारी मात्रा में पेन किलर देने से मरीज के प्रमुख अंगों, किडनी, लिवर आदि को नुक्सान का डर बना रहता है अतः मरीजों को इन नई तकनीकों से दर्द निवारण करना बहुत जरूरी होता है.

हाल ही में डॉ नीरज जैन एवं डॉ सुनील शर्मा ने अत्याधुनिक तरीके स्पाइनल कॉर्ड इम्प्लांट के जरिये दवाई का पम्प रीढ़ की हड्डी में लगा दिया जिससे इस छोटी सी मशीन से लगातार दवा निकलती रहती है तथा रीढ़ की हड्डी के माध्यम से बहुत ही कम मात्रा में दवा दे कर दर्द को नियंत्रित कर दिया जाता है, इस विधि से दर्द नाशक दवाइयों के दुष्प्रभाव से भी बचा जा सकता है. चूंकि कैंसर के मरीजों में पहले से ही कीमोथिरेपी के माध्यम से बहुत ज्यादा मात्रा में दवाइयां शरीर में पहुंच रही होती हैं, ऐसे में यह दवाई का पम्प बहुत ही कारगर सिद्ध होता है.

Subscribe

- Never miss a story with notifications

- Gain full access to our premium content

- Browse free from up to 5 devices at once

Latest stories