पूर्णिया लोकसभा क्षेत्र के पूर्व सांसद और बीजेपी नेता उदय सिंह ने निर्दोष कैदियों को रिहा कराने की पहल की है। पूर्व सांसद की पहल से जेल में बंद 3 निर्दोष कैदियों को रिहा कर दिया गया है। पूर्व सांसद ने बताया कि बिहार के पूर्णिया लोकसभा विकास परिषद के अधीन गरीबों को इंसाफ दिलाने के लिए वकीलों की स्थायी कमिटी बनाई गई है, जो ज्यादातर ऐसे मामलों को हाथ में ले रही है, जिसमें बिना किसी कसूर के लोगों को जेल में डाल दिया गया है। पहले दौर में वकीलों की कमिटी ने अब तक तीन कैदियों को रिहा कराया है, जिसमें एक महिला भी शामिल है।
पूर्व लोकसभा सांसद ने बताया कि पूर्णिया में आपराधिक घटनाएं बढ़ गई हैं। अपराधियों की हिम्मत दिनों दिन बढ़ रही है। 2004 से पहले जैसे हालात लौट रहे हैं। अक्सर देखा जाता है कि दबंग निर्दोष लोगों को झूठे केस में फंसा देते हैं. पैसों का लेन-देन और अपहरण के बाद फिरौती मांगना ही सारे अपराधों की जड़ है। पूर्व लोकसभा सांसद ने निर्दोषों और बेकसूरों की जेल से रिहाई की जमीन तैयार करने के लिए वकीलों की स्थायी कमिटी बनाई है। उनका कहना है कि पूर्णिया जेल में कई ऐसे कैदी हैं, जो सिर्फ इसलिए जेल में बंद हैं क्योंकि उनके पास पैसे नहीं हैं और साथ ही उनकी पैरवी करने वाला कोई नहीं है। इसके बाद जेलर से आग्रह किया गया कि ऐसे लोगों के बारे में बताएं, जिनकी सजा पूरी हो गई है, लेकिन जमानत न होने के कारण जेल से निकल नहीं पा रहे हैं।
पूर्व सांसद ने बताया कि जेलर ने 17 लोगों के बारे में बताया, जो रिहाई की कगार पर हैं। उसके बाद दिलीप कुमार दीपक और रजनीश टुड्डू जैसे वकीलों को कहा गया कि वो इनके लिए काम करें। इसके लिए पूर्णिया लोकसभा विकास परिषद सारी व्यवस्था करेगा।
वकील दिलीप कुमार दीपक ने रामवती देवी को जमानत दिलाई। इस महिला पर आरोप है कि जब पुलिस ने महिला के घर पर छापा मारा तो वह शराब की बोतल हाथ लेकर भाग रही थी। पुलिस ने पीछा कर महिला को गिरफ्तार किया। रजनीश टुड्डू ने बिलोचन ऋषि को बेल पर जेल से बाहर निकाला है। निर्मल ऋषि को भी जमानत दिलाई गई है। उदय सिंह ने बताया कि ये प्रक्रिया लगातार चलती रहेगी। पूर्णिया लोकसभा विकास परिषद आगे भी लोगों को न्याय दिलाने के काम करती रहेगी।
पूर्व लोकसभा सांसद उदय सिंह ने कहा, “अक्सर मुझे जहां-तहां यह सुनने को मिलता है, हमें झूठे केस में फंसा दिया गया है। यह वास्तव में होता है। यह कहना उचित होगा कि समाज में सब कुछ रामराज्य की तरह नहीं चल रहा है। गरीब, निर्दोष, बेबस, असहाय और लाचार लोगों को दबंग लोग झूठे मुकदमों में फंसा देते हैं। वकीलों की यह कमिटी ऐसे निर्दोष लोगों के मामले को हाथ में ले रही है, जो वकीलों की फीस देने की क्षमता न होने के कारण अपने लिए वकील नहीं कर पाते। कमिटी गरीब, असहाय और लाचार लोगों के मामलों को अपने हाथ में लेगी और उन्हें इंसाफ दिलाने के लिए यथासंभव प्रयत्न करेगी। पूर्व सांसद ने भरोसा जताया कि जेल सुधारों के लिए उनकी ओर से उठाए गए कदमों का सुखद नतीजा निकलकर सामने आएगा और असहाय लोगों को तुरंत न्याय दिलाया जा सकेगा।